श्री संत लहरी आश्रम कामठा

मध्य काशी, ता. जि. गोंदिया, महाराष्ट

जो देखे कागज में प्रभु रूप वह क्या जाने आत्मस्वरूप |

- संत जैरामदास

आदीशक्ति माँ भागीरथी

कर्मयोगिनी माता भागीरथी का जीवन कठिन से कठिन परिस्तिथियो में संघर्ष करने का सन्देश देता है । कामठा से ही कुछ दुरी पर स्तिथ आमगाव तहसील का एक छोटा सा ग्राम मोहगू में पितृपक्ष कि महालक्ष्मी अष्टमी को भागीरथी ने कन्या के रूप १९२४ में जन्म लिया । आपके पिता का नाम श्री डकरुजी मुनेश्वर था । यह कन्या आगे चलके परम पूज्य संत श्री लहरी बाबा कि धर्मंपत्नी बनी । माताजी ने परम पूज्य लहरी बाबा के प्रापंचिक और पारमार्थिक कार्यो को सवारा, गरीबी और संकट के समय भी तन मन से कुर्बान रही । अध्यात्म जन जाग्रति की ज्योति को घर घर पहुचाने में उनका जीवन सदैव समर्पित रहा । माताजी ने तिन संतान खोने के बाद गोपाल कृष्ण उर्फ़ गोपाल बाबा और खिलेश्वर उर्फ़ तुकडोजी बाबा के रूप में कार्तिक और गणेश जैसे दो पुत्रो को जन्म दिया । परन्तु उनके असंख्य ऋणी शिष्य पुत्रो के मन में उनकी ममता छुपी हुयी है और माँ कि स्मृति में बिलग रहे है । माता ने पतिव्रता धर्मं का आजीवन पालन किया ।

सामाजिक परिस्थितियों के कारण दुखी रहती परन्तु चेहरे पे सदैव हसमुख भाव को विलुप्त नहीं होने दिया तथा पारिवारिक उलझनो अथवा आर्थिक तंगी में भी अपना संयम नहीं खोया । जीवन यापन कि नाव इतनी भारी हो गयी थी कि उनके गृह स्वामी लहरी बाबा उसे खीच नहीं पा रहे थे । माताजी ने सहचारिका कि भूमिका का निर्वहन कर लहरी बाबा का सहारा बनी । लहरी आश्रम कामठा अध्यात्मिक जनजागृति संस्था के नीव की सबसे पहली इट बनी । माताजी का जीवन इस देश कि नारियों के लिए आदर्श जीवन है । सीता, सावित्री, अनुसया की भक्ति कि झलक और पवित्रता तथा उदारता का समन्वय माताजी के जीवन को विशेष बनाता है । तथा नारी में मानवीय शब्दो को पुनर्जीवित करने कि प्रेरणा देता है । उम्र के साथ साथ उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और शारदीय नवरात्र के अष्टमी के पर्व पर बरस १९८६ में हमसे नाता तोड़ गयी । उनका जीवन एक देवी सा सार्थक हुआ । ऐसी माता उनका प्रेम, उनका सभी को ‘भाऊ’ रूप से सम्बोधन, सभी शिष्य परिवार में सदैव याद रहेगा, उनकी कृपा दृष्टी हमपर बनी रहे । कामठा में उनका शाही मंदिर ‘मानव को मानवता’ के मार्ग पर चलने के लिए देवीक सम्पदाओ का खजाना है ।

कैसे पहुंचे


नजदीकी विमानतल : नागपुर विमानतल
रेल्वे लेन - नागपुर से रायपुर (गोंदिया स्टेशन)

कामठा ये जगह गोंदीया बालाघाट राज्य महा मार्गपर रावणवाड़ी गाव से १० कि मी के अंतर पर है.

॥ वार्षिक दिनदर्शीका ॥


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श्री संत लहरी आश्रम कामठा (मध्य काशी),
ता. जि. गोंदिया, महाराष्ट्र
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नकाशा