संत बिज पलटे नहीं युग युग होत अनंत नीच उच्च घर उब्जे पर होत संत के संत सखी
के अनुरूप ऐसे अदबुध सैयोग परम पूज्य सदगुरू लहरी बाबा और माता भागीरथी के दांपत्य जीवन में २२ जून १९७० को ओजस्वी अध्यात्म शक्ति से परिपूर्ण बालक जन्म लेके आया . परम पूज्य लहरी बाबा ने पूर्व जनम के अवतारी महापुरुष राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज के जन्म लेने कि भविष्यवाणी अपने प्रवचनो में कई बार की थीं. खिलेश्वर के जन्म के समय से ही उन्हें तुकड्या बाबा के नाम से ही सम्बोधित किया गया. निष्काम भक्ति, दीनदुखियों कि सेवा तथा विपरीत परिस्थितियो में धेर्य एवं सयम रखना ऐसे संस्कार खिलेश्वर को संत पिता से विरासत में मिले . छोटी उम्र से ही परम पूज्य लहरी बाबा के सेवा कार्यो का सूक्ष्म अवलोकन करते थे तथा सहस रूप में आलोचनात्मक टिपण्णी भी करते. बालक खिलेश्वर कि ये रचनात्मक अभिक्रुति देखकर कई भक्तो को आश्चर्य होता था कि इतनी सत्संग कि गहरी बात तुकड्या बाबा कैसे बताते है . तुकड्या बाबा कि डॉक्टरी कि बी . ऐ . एम् . एस पढ़ें. पढ़ाई समाप्त ही हो पायी थी की लहरी आश्रम के संचालन कि जिम्मेदारी परम पूज्य लहरी बाबा के ११ दिसंबर १९९९ को महानिर्वाण लेने से आ गयी. तुकड्या बाबा के उन्तीसवें जन्मदिवस के उपलक्ष में २२ जून १९९९ नेवरगांव आश्रम में परम पूज्य लहरी बाबा ने सभी भक्तोंको इशारा कर दिया था तथा कहा कि मैं तुकड्या बाबा के बड़े भाई को लहरी आश्रम का अध्यक्ष तथा तुकड्या बाबा को मेरा मंच देता हु. उस दिन तुकड्या बाबा ने
जो मन हरी को भजता प्यारे वो हरी का हो जाता रे...
भजन प्रस्तुत किया तथा मन से
माया कशी जन्म मरण हे जिवशि
पर अपने पहली बार विचार भी रखे. तब से लेकर परम पूज्य तुकड्या बाबा ने सदगुरू संत श्री लहरी बाबा के कार्यो को उनके ही कृपाशीर्वाद से मजबूत संकल्प शक्ति से आधार प्रधान किया. तथा लहरी आश्रम कामठा को एक नया स्वरुप प्रदान किया है. रोते हुए मायूस भक्तो को जो लहरी बाबा के अचानक महानिर्वाण के दुखों से पीड़ित थे अब सभी के लिए नवचेतना तथा लहरी बाबा जैसे ही प्रतिकृति के रूप में अपने आप को स्थापित किया. तुकड्या बाबा के जीवन से हमें हमेशा सेवा के मार्ग पर तठस्थ रहने कि प्रेरणा शक्ति मिलती है. प्रापंचिक और पारमार्थिक जीवन को सहज सहज में सुखी बनाने का मार्गदर्शन मिलता है.
नजदीकी विमानतल : नागपुर विमानतल
रेल्वे लेन - नागपुर से रायपुर (गोंदिया स्टेशन)
कामठा ये जगह गोंदीया बालाघाट राज्य महा मार्गपर रावणवाड़ी गाव से १० कि मी के अंतर पर है.
![]() | श्री संत लहरी आश्रम कामठा (मध्य काशी), ता. जि. गोंदिया, महाराष्ट्र |
![]() | 91-07182-283024 |
![]() | secretary@santlaharinath.org |